पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण को लेकर बढ़ती जागरूकता के बीच, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। साइलेंट सड़कों पर दौड़ती इलेक्ट्रिक स्कूटर्स और कारें अब भविष्य की नहीं, बल्कि वर्तमान की हकीकत बन चुकी हैं। लेकिन एक नई इलेक्ट्रिक गाड़ी की शुरुआती लागत कई लोगों के लिए एक बड़ी बाधा हो सकती है।
इसी बाधा को दूर करने और देश में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार और कई राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर आकर्षक सब्सिडी (Subsidy) और प्रोत्साहन प्रदान कर रही हैं। यह सब्सिडी आपकी गाड़ी की कीमत को काफी हद तक कम कर सकती है, जिससे एक EV खरीदना न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि आपकी जेब के लिए भी एक स्मार्ट फैसला बन जाता है।
लेकिन यह सब्सिडी मिलती कैसे है? इसकी प्रक्रिया क्या है? और 2025 में, जब आप एक नई EV खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस 1500-शब्दों के विस्तृत गाइड में, हम आपको भारत में EV सब्सिडी प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया, विभिन्न योजनाओं और भविष्य की संभावनाओं के बारे में सब कुछ बताएंगे।
सरकार EV पर सब्सिडी क्यों दे रही है?
इससे पहले कि हम प्रक्रिया को समझें, यह जानना ज़रूरी है कि सरकारें आखिर सब्सिडी क्यों दे रही हैं। इसके मुख्य कारण हैं:
पर्यावरण संरक्षण: EVs से शून्य टेलपाइप उत्सर्जन होता है, जिससे शहरों में वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलती है।
तेल आयात पर निर्भरता कम करना: भारत अपनी ज़रूरत का अधिकांश कच्चा तेल आयात करता है। EVs को बढ़ावा देकर, सरकार इस निर्भरता को कम करना चाहती है।
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा: सब्सिडी नीतियां अक्सर उन वाहनों पर लागू होती हैं जो भारत में निर्मित होते हैं, जिससे स्थानीय विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा मिलता है।
भविष्य की तकनीक को अपनाना: सरकार भारत को वैश्विक EV बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना चाहती है।
भारत में EV सब्सिडी के प्रकार: केंद्र और राज्य की योजनाएं
भारत में EV पर मिलने वाली सब्सिडी मुख्य रूप से दो स्तरों पर विभाजित है:
1. केंद्र सरकार की FAME योजना (अब FAME-III)
यह देश भर में लागू होने वाली सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण योजना है।
FAME का मतलब: फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid &) Electric Vehicles)।
FAME-II से FAME-III तक: FAME-II योजना 31 मार्च, 2024 को समाप्त हो गई। अब, 2025 में, हम FAME-III योजना के लागू होने की उम्मीद कर रहे हैं। हालाँकि इसकी अंतिम घोषणा होनी बाकी है, लेकिन उम्मीद है कि यह योजना और भी बड़े बजट और व्यापक दायरे के साथ आएगी।
सब्सिडी कैसे मिलती है?: FAME योजना के तहत सब्सिडी वाहन की बैटरी क्षमता (kWh में) पर आधारित होती है। जितनी बड़ी बैटरी, उतनी ज़्यादा सब्सिडी। यह सब्सिडी मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया (e-2W), तिपहिया (e-3W), और चार पहिया (e-4W) वाहनों पर लागू होती है।
2. राज्य सरकारों की अपनी EV नीतियां
केंद्र सरकार की योजना के अलावा, कई राज्यों ने अपनी खुद की इलेक्ट्रिक वाहन नीतियां भी लागू की हैं, जो अतिरिक्त लाभ प्रदान करती हैं। ये लाभ हर राज्य में अलग-अलग हो सकते हैं।
प्रमुख राज्यों की नीतियां: दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कई अन्य राज्यों की अपनी EV नीतियां हैं।
अतिरिक्त लाभों में शामिल हैं:
सीधी खरीद सब्सिडी: FAME सब्सिडी के ऊपर अतिरिक्त छूट।
रोड टैक्स में छूट: कई राज्य EVs के लिए रोड टैक्स पूरी तरह से माफ़ कर देते हैं।
रजिस्ट्रेशन शुल्क (RC) में छूट: नए EV के रजिस्ट्रेशन पर लगने वाला शुल्क भी माफ़ किया जा सकता है।
स्क्रैपिंग इंसेंटिव: पुरानी पेट्रोल/डीजल गाड़ी को स्क्रैप करके नई EV खरीदने पर अतिरिक्त छूट।
EV पर सब्सिडी कैसे प्राप्त करें? (2025 की चरण-दर-चरण प्रक्रिया)
यह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। बहुत से लोगों को लगता है कि उन्हें सब्सिडी के लिए किसी सरकारी दफ्तर में आवेदन करना होगा, लेकिन प्रक्रिया इससे कहीं ज़्यादा सरल है।
चरण 1: पात्र वाहन (Eligible Vehicle) की पहचान करें
सबसे पहले, यह जानना ज़रूरी है कि सब्सिडी सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर उपलब्ध नहीं है।
FAME-III योजना के तहत, केवल वे वाहन ही सब्सिडी के लिए पात्र होंगे जो सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों (जैसे न्यूनतम रेंज, गति, और स्थानीयकरण – ‘मेक इन इंडिया’) को पूरा करते हैं।
कैसे पता करें?: आप जिस कंपनी का EV खरीदने की योजना बना रहे हैं, उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या उनके डीलरशिप से संपर्क करें। वे आपको बताएंगे कि उनका कौन सा मॉडल FAME-III सब्सिडी के लिए पात्र है। भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) की वेबसाइट पर भी पात्र मॉडलों की सूची उपलब्ध होती है।
चरण 2: “अपफ्रंट डिस्काउंट” मॉडल को समझें
यह वह प्रक्रिया है जिससे आपको केंद्रीय सब्सिडी मिलती है, और यह बेहद आसान है।
आपको आवेदन नहीं करना है: एक ग्राहक के रूप में, आपको FAME सब्सिडी के लिए कहीं भी आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।
छूट सीधे कीमत पर: सब्सिडी की राशि वाहन की एक्स-शोरूम कीमत (Ex-Showroom Price) पर पहले से ही कम कर दी जाती है।
उदाहरण: मान लीजिए आप एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद रहे हैं जिसकी एक्स-शोरूम कीमत ₹1,50,000 है। यदि उस पर FAME-III के तहत ₹30,000 की सब्सिडी लागू है, तो डीलर आपसे केवल ₹1,20,000 ही लेगा।
डीलर की भूमिका: डीलर आपसे पूरी कीमत नहीं लेता। वह आपकी ओर से सब्सिडी की राशि सरकार से क्लेम करता है। आपको बस अपनी KYC और अन्य दस्तावेज़ प्रदान करने होते हैं।
चरण 3: एक अधिकृत डीलर (Authorized Dealer) खोजें
हमेशा एक प्रतिष्ठित ब्रांड के अधिकृत डीलरशिप से ही EV खरीदें। वे सब्सिडी प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं और आपको सही जानकारी प्रदान करेंगे।
वे आपको यह भी बताएंगे कि उस वाहन पर आपके राज्य की कोई अतिरिक्त सब्सिडी लागू है या नहीं।
चरण 4: आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें
डीलरशिप पर आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड
पते का प्रमाण: आधार कार्ड, वोटर आईडी, बिजली का बिल
पासपोर्ट साइज फोटो
चरण 5: राज्य की सब्सिडी और छूट प्राप्त करना
राज्य की सब्सिडी और छूट प्राप्त करने की प्रक्रिया थोड़ी भिन्न हो सकती है।
रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट: यह लाभ आमतौर पर वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय RTO (Regional Transport Office) द्वारा स्वचालित रूप से लागू किया जाता है। डीलर इस प्रक्रिया में आपकी मदद करेगा।
राज्य की सीधी खरीद सब्सिडी:
विकल्प 1 (अपफ्रंट डिस्काउंट): कुछ राज्यों में, यह सब्सिडी भी FAME की तरह ही एक्स-शोरूम कीमत पर छूट के रूप में मिल जाती है।
विकल्प 2 (ऑनलाइन आवेदन): कुछ राज्यों में, आपको वाहन खरीदने और रजिस्टर करने के बाद राज्य के परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना पड़ सकता है। आवेदन के सत्यापन के बाद, सब्सिडी की राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा की जाती है। इस प्रक्रिया के लिए अपने डीलर से या राज्य के परिवहन विभाग की वेबसाइट पर सटीक जानकारी प्राप्त करें।
2025 में क्या उम्मीद करें? (FAME-III और भविष्य)
2025 में, FAME-III योजना के आने से EV सब्सिडी का परिदृश्य और भी स्पष्ट और मजबूत होने की उम्मीद है।
बढ़ा हुआ बजट: उम्मीद है कि सरकार FAME-III के लिए एक बड़ा बजट आवंटित करेगी, जिससे अधिक लोगों को लाभ मिल सकेगा।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर: सब्सिडी का एक हिस्सा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क को मजबूत करने पर भी केंद्रित हो सकता है।
स्थिर नीतियां: सरकार का लक्ष्य एक स्थिर और दीर्घकालिक EV नीति बनाना है ताकि निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों में विश्वास बढ़े।
अन्य वित्तीय प्रोत्साहन
सब्सिडी के अलावा, EV खरीदारों के लिए कुछ अन्य वित्तीय लाभ भी उपलब्ध हैं:
आयकर में छूट (Income Tax Deduction): आयकर अधिनियम की धारा 80EEB के तहत, व्यक्तिगत करदाता EV खरीदने के लिए लिए गए ऋण पर चुकाए गए ब्याज पर ₹1,50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते थे। आपको 2025 में वाहन खरीदते समय इस धारा की वर्तमान स्थिति की जांच करनी चाहिए।
कम GST: पेट्रोल/डीजल कारों पर 28% GST की तुलना में, इलेक्ट्रिक वाहनों पर केवल 5% GST लगता है, जिससे उनकी कीमत और कम हो जाती है।
ग्रीन लोन (Green Loans): कई बैंक और NBFCs इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए विशेष ‘ग्रीन लोन’ प्रदान करते हैं, जिनकी ब्याज दरें सामान्य कार लोन की तुलना में कम होती हैं।
निष्कर्ष: एक स्मार्ट और टिकाऊ भविष्य की ओर पहला कदम
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना अब केवल पर्यावरण के प्रति जागरूक लोगों का ही काम नहीं रह गया है; यह एक आर्थिक रूप से भी समझदारी भरा निर्णय है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जा रही आकर्षक सब्सिडी और प्रोत्साहन ने EV की शुरुआती लागत की बाधा को काफी हद तक कम कर दिया है।
प्रक्रिया को सरल बनाया गया है – आपको बस एक पात्र मॉडल चुनना है, एक अधिकृत डीलर के पास जाना है, और FAME सब्सिडी का लाभ आपको सीधे कीमत पर छूट के रूप में मिल जाएगा। अपने राज्य की नीति की जांच करना न भूलें ताकि आप रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट जैसे अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त कर सकें।
2025 में, एक मजबूत FAME-III नीति और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ, इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना पहले से कहीं ज़्यादा आसान और फायदेमंद होने वाला है। तो, अपनी रिसर्च करें, अपनी ज़रूरतों को समझें, और एक स्वच्छ, शांत और टिकाऊ भविष्य की ओर अपना पहला कदम बढ़ाएं।
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